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जया वर्मा सिन्हा ने भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐतिहासिक कदम उठाया है, उन्होंने रेलवे बोर्ड के मुख्य निर्णय ग्रहणकर्ता के रूप में CEO और चेयरपर्सन बनने का कार्यभार संभाला। इस अद्वितीय उपलब्धि का अर्थ यह है कि जया वर्मा सिन्हा भारतीय रेलवे के 166 वर्षीय इतिहास में पहली महिला हैं जो इस पद को संभालती हैं।
ऐतिहासिक नियुक्ति
एक महत्वपूर्ण दिन पर, जया वर्मा सिन्हा ने भारतीय रेलवे के नए CEO और चेयरपर्सन के रूप में अपने नए कार्यभार संभाले, जिससे भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल का साक्षर बना। उन्होंने अनिल कुमार लाहोटी की जगह अपनी नई भूमिका में कार्यभार संभाला, जो राष्ट्रीय परिवहनकर्ता के लिए सबसे उच्च निर्णय लेने वाले निकाय के रूप में है।
यह नियुक्ति केवल भारतीय रेलवे के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए भी है। जया वर्मा सिन्हा की कार्यकाल का आदान प्रदान किया जा रहा है, जिसे 31 अगस्त 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) – जया वर्मा सिन्हा के बारे में
1. जया वर्मा सिन्हा कौन हैं?
जया वर्मा भारतीय रेलवे के रेलवे बोर्ड के CEO और चेयरपर्सन हैं। उन्होंने इस उच्च पद की कदमबद्ध गर्दन होने का सम्मान पाया है और यह पहली बार है कि इस पद पर एक महिला ने कार्यभार संभाला है।
2. उनके पदभार की अवधि क्या है?
जया वर्मा की कार्यकाल की अवधि 31 अगस्त 2024 तक है।
3. जया वर्मा सिन्हा की करियर के बारे में कुछ बताएं।
उन्होंने 1988 में अलाहाबाद विश्वविद्यालय से संयुक्त होकर भारतीय रेलवे ट्रैफिक सेवा में शामिल हो गए और उन्होंने उत्तरी रेलवे, दक्षिण पूर्वी रेलवे और पूर्वी रेलवे में काम किया है। उनके 35 साल के करियर में वे संचालन, वाणिज्यिक, आईटी और सतर्कता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर चुकी हैं।
4. उन्होंने किन-किन महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है?
जया वर्मा ने उत्तरी रेलवे के प्रमुख वाणिज्यिक प्रबंधक और सीढ़ाह डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर के रूप में भी काम किया है। उन्होंने बांग्लादेश के भारतीय उच्चायुक्त, ढाका के रूप में भारतीय रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया है।
निष्कर्ष
जया वर्मा की नियुक्ति भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी जीत है। उनका प्रशंसा और समर्थन इस महत्वपूर्ण कदम को और मजबूती देंगे।